शुद्धि और विशुद्धी का विशेष ध्यान रखना चाहिए अजित सागर जी

 राहतगढ़-गुरुवार सुबह 5:30 बजे मुनिश्री अजितसागर,जी ऐलकश्री दयासागर,जी ऐलकश्री विवेकानंद सागर जी  महाराज ने ग्राम परासरी कलां से विहार करते हुए सुबह 9 बजे राहतगढ़ नगर में मंगल प्रवेश किया। मुनि संघ ने विदिशा तिराहा स्थित श्री 1008 संभवनाथ जिनालय के दर्शन किए। भोपाल तिराहा स्थित संयम कीर्ति स्तंभ का अवलोकन किया। इसके बाद मुनि संघ गंज के जैन मंदिर पहुंचा। मुनिश्री अजितसागर ने धर्मसभा में कहा कि घर एक ऐसी वस्तु है जो श्रावक के पास तो है, लेकिन साधु के पास नहीं है, लेकिन हर एक श्रावक चाहता है कि साधु का चरण उसके घर पड़े साधु के चरणों से उसका जीवन पवित्र हो जाता है। इसीलिए साधु पग पग विहार कर जगह जगह जाते रहते हैं। अब आप सभी को शुद्धि और विशुद्ध का विशेष ध्यान रखना है, शुद्धि और विशुद्ध के बढ़ने पर ही साधु आपके नगर में आते हैं और चातुर्मास भी हो जाते है। । 
             संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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