अंदेश्वर-अतिशय तीर्थ क्षेत्र श्री अंदेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ पर चातुर्मासरत चतुर्थ पट्टाचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ने सोमवार को प्रवचन शृंखला के दौरान कहा कि मोक्ष जाने के लिए दिगंबर वेश तो धारण करना ही पड़ेगा। क्योंकि एक वही मार्ग है जहां से मोक्ष की प्रथम सीढी प्रारंभ होती है। बाकी दूसरा कोई भी मार्ग नही है, उस पथ पर जाने के लिए। उन्होंने कहा कि हमारी जिनवाणी मां कहती है कि अगर तुम मोक्ष की अभिलाषा करते हो तो दिगंबरत्व तो धारण करना ही पड़ेगा। क्योंकि हमारे जितने भी तीर्थंकर है या पूर्वाचार्य सभी ने दिगंबरत्व वेश धारण किया है, उसके बाद ही मोक्ष गए हैं। इस मोक्ष मार्ग में जाने के लिए कोई ओर तरीका है ही नहीं। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति मोक्ष की अभिलाषा तो करता है परंतु घर परिवार धन दौलत संसार से बाहर निकलना नहीं चाहता है तो फिर कैसे मोक्ष मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि संसार एक दलदल है, इसमें फंसा हुआ इंसान बाहर निकलना ही नहीं चाहता है। उसे तो वह दलदल ही अच्छा लगता है। परंतु दिगंबर संतो का समागम मिले और स्वयं भगवान आत्मा की पहचान हो जाए उसके बाद तो उसे कितना भी रोको रूकने वाला नहीं होगा और वैराग्य पथ पर निकल पड़ेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी