गौ सेवा और संरक्षण सबसे बड़ा मानव धर्म: अनुभव सागर जी

सागवाडा-आचार्य सुनील सागरजी महाराज की प्रेरणा से सन्मति गौशाला की स्थापना हुई है। गौशाला में आचार्य श्री अनुभव सागर जी महाराज  संघ के आगमन की अनुमोदना सन्मति गौशाला के संचालक नगर के शाह परिवार ने की। कीर्ति भाई शाह, नरेन्द्र शाह, नितिन शाह, राहुल शाह, प्राशु शाह, दीपिका शाह, प्रेरणा शाह, अंजलि शाह, गरिमा शाह, सूचि शाह ने आचार्य का पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान आचार्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपना मंगल आशीष देते हुए कहा कि सुप्रसिद्ध उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद ने गोदान में गाय के दान और सेवा के महत्व को बताया है। आचार्य ने कहा है कि गाय संध्याकाल में जब विचरण करती तब उनके पैरों से उड़ती धूल तक को गोथुली बेला मानकर हमारी धर्मसंस्कृति और सभ्यता ने मंगलकारी माना है। संसार मे किसी भी जीव को इतना योग्य नहीं माना जितना गाय और गौ वंश को माना गया है। यहा तक की गाय के गोबर तथा मूत्र को भी श्रेष्ठ माना जाता है।उन्होंने कहा कि मुक जीव एवं पशुओं की रक्षा और सेवा कर हम प्रकृति का संवर्धन और संरक्षण भी कर सकते हैं।
 आचार्य ने कहा कि वर्तमान में सन्मति गौशाला का स्वरूप प्रारंभिक दौर में है फिर भी 40 गायों की सेवा करना परम सौभाग्य है। भविष्य में इस गौशाला का व्यापक स्वरूप देखने को अवश्य मिलेगा ।इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के सेठ महेश कुमार नोगमिया, राजमल शाह, पवन कुमार गोवाडिया, अश्विन बोबडा, नटवरलाल गलालिया, कुलदीप गांधी, वैभव गोवड़िया, जयंतीलाल बोबडा मौजूद थे।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमडी

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