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ग्वालियर : मध्यप्रदेश की ग्वालियर पूर्व विधानसभा फिलहाल कांग्रेस के कब्जे में है, यहाँ से भाजपा से आए डॉ सतीश सिंह सिकरवार विधायक है । 2018 में ग्वालियर पूर्व से भाजपा के टिकिट पर सतीश सिकरवार और कांग्रेस के टिकिट पर मुन्नालाल गोयल चुनाव लड़े थे, मुन्ना लाल गोयल जीतकर विधानसभा पहुँचे तो भाजपा के सतीश ने अपनी ही पार्टी और एक केंद्रीय नेता पर उन्हें हराने के आरोप लगाए थे, लेकिन बीते साल सिंधिया के भाजपा में आने के साथ ही मुन्नालाल गोयल ने भी स्तीफा देकर भाजपा का झंडा थम लिया था, उसके बाद हुए उपचुनाव में मुन्नालाल भाजपा से उम्मीदवार बने तो फिर सतीश ने पाला बदलकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया और टिकिट लेकर विधायक बन गए । इस सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व. माधवराव सिंधिया की मामी माया सिंह विधायक रहीं हैं, बीते चुनाव में पार्ट ने उनका टिकिट काट दिया और अब सिंधिया समर्थक मुन्ना के भाजपा में आ जाने से उनको भविष्य की चिंता तो है ही लेकिन पहली बार विधायक बने मुन्नालाल 15 माह ही विधायकी का सुख भोग पाए थे,अब ऐसे में मुन्ना को अपने महाराज से ही आस है कि वे उन्हें मध्यप्रदेश की बहुप्रतीक्षित निगम मंडल और आयोग में उन्हें कहीं भी मौका दिला सकते हैं लेकिन सूत्रों की मानें तो निगम और आयोग में पहले से ही सिंधिया कोटे से इमरती देवी, इंदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडौतिया का नाम तय है क्योंकि ये तीनों मंत्री रहते चुनाव हारे हैं, ग्वालियर पूर्व के मुन्ना की चिंता और बढ़ गई हैं कि 2023 में उनको पार्टी मौका देगी या फिर केंद्र वाले मुन्ना भैया के दखल के बाद यह सीट उनके समर्थक के खाते में चली जाएगी । वैसे खबर तो ये भी है कि राज्यसभा या राज्यपाल का वादा देकर ही मामी का टिकिट काटा था ऐसे में 2023 में वे चुप नहीं बैठेंगी , पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह मामा और पूर्व मंत्री माया सिंह मामी दोनों अपने बेटे पीताम्बर सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं ।
