शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी की राजनीति इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। अध्यक्ष गायत्री शर्मा की कुर्सी पर संकट गहराता जा रहा है। रविवार शाम को असंतुष्ट पार्षदों ने अपनी ताकत दिखाते हुए 31 हस्ताक्षर कर दिए। जबकि नपाध्यक्ष को अपना पद बचाने के लिए महज 15 हस्ताक्षर चाहिए थे। ऐसे में समीकरण साफ है कि अध्यक्ष की कुर्सी अब बुरी तरह हिल चुकी है। नगरपालिका परिषद में कुल 39 पार्षद हैं। इनमें से 31 ने अध्यक्ष के खिलाफ हस्ताक्षर कर दिए।
इस स्थिति में नपाध्यक्ष के लिए समर्थन जुटाना लगभग नामुमकिन हो गया है। कुछ दिन पूर्व जिलाध्यक्ष ने भी पार्षदों को एकजुटपूर्व करने में नाकाम साबित हो रहे है, अब कह सकते है कि उनके पास इकलौता विकल्प बचा है कि स्वेच्छा से इस्तीफा देकर इज्जत बचा लें।
बता दें कि 15 अगस्त को शहर में मौजूद प्रभारी मंत्री ने नपाध्यक्ष और असंतुष्ट पार्षदों से अलग-अलग मुलाकात की थी। तय हुआ था कि या तो असंतुष्ट 30 पार्षद एक साथ हस्ताक्षर कर देंगे, या नपाध्यक्ष 15 हस्ताक्षर जुटा लेंगी। लेकिन हालात इससे भी आगे निकल गए। असंतुष्टों की संख्या 31 तक पहुँच चुकी है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी नपाध्यक्ष का समर्थन स्पष्ट रूप से कमजोर दिखाई दिया।
तिरंगा फहराने के दौरान उनके साथ महज 3 पार्षद ही खड़े रहे। यह तस्वीर उनके खिलाफ माहौल को और मजबूत करने वाली साबित हुई। बीते दो माह से लगातार विवादों और विरोध का सामना कर रही नपाध्यक्ष के लिए हालात इतने विकट हो गए हैं कि अब स्वेच्छा से इस्तीफा ही सम्मानजनक रास्ता बचा है। अन्यथा उन्हें और ज्यादा अपमानजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।