मध्यप्रदेश शासन की l सीएम हेल्पलाइन बनी अधिकारियों की मनमर्जी हेल्पलाइन



अधिकांश शिकायतों को विभागीय अधिकारियों द्वारा फर्जी निराकरण डालकर बंद करा दिया जाता है


शिवपुरी -राज्य सरकार द्वारा जनता की शिकायत का जल्द निराकरण हो सके इस लिए 181 सेवा मध्य प्रदेश मे शुरू की गईं थी क्योंकि इनसे जनता की किसी भी तरह की समस्या का कोई हल नहीं होता है।अधिकारी , कर्मचारी मनमर्जी से जो हल करते है उसे ही सही मान लिया जाता है।किसी भी पोर्टल का अधिकारी ,कर्मचारियों को कोई डर नहीं लगता है।फिर कोई कुछ भी कहे न पोर्टल पर,और न संबंधित विभाग कोई कारवाही करता है।विभागों के उच्च अधिकारी पूरी तरह से अपने अधिनिस्तो पर निर्भर रहते हैं।निचले स्तर के अधिकारी, कर्मचारी अपनी मर्जी से ही काम करते हैं।संबंधित विभाग पूरी तरह उनके कब्जे में रहता है।जैसे अगर किसी बैंक अधिकारी मैनेजर द्वारा लोन देने मना कर दिया गया तो आपकी न कोई बैंक का उच्च अधिकारी सुनेगा और न पीजी पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन सुनेगा।सिर्फ शिकायत को बंद कर दिया जाता है।यही हाल सभी विभागों का है।केंद्र , राज्य शासन को चाहिए कि पीजी पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन जैसे पोर्टल को सख्त बनाया जाए विभागों के उच्च अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए जाए की जनता की किसी भी तरह की समस्या की उचित जांच कर हल किया जाए।ताकि जनता की किसी समस्या का सही हल हो सके।

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