कम रुपए में जीना ही सच्ची कला है : विभाश्री




कोटा-आर्यिका विभाश्री माताजी  ने मंगलवार को रिद्धि सिद्धि नगर जैन मंदिर में ।  कहा कि आत्मा के अंदर मिथ्यात्व का जहर है। हर व्यक्ति को सबसे पहले आत्मा को संस्कारित करना चाहिए। जिनवाणी का श्रवण प्रत्येक दिन करना चाहिए। ऐसा उपदेश सुनना चाहिए जिससे हमारी श्रद्धा दृढ़ हो। आदत जिसकी जैसी हो जाती है उसके बिना वो रह नहीं सकता है। भगवान की भक्ति तन्मय होकर करें।  धर्म की प्रभावना का पैसे से थोड़ा संबंध जरूर है, लेकिन साधना और सेवा का पैसे से कोई संबंध नहीं है। पुण्य के उदय से आपके पास पैसे है, संसार के व्यसनों में खर्च नहीं करें बल्कि समाज के उत्थान के लिए लगाएं। खाना खाने से नहीं पचाने से बलवान होता है, पैसा खर्च करने से नहीं बचाने से धनवान होता है। कम पैसे में जीना हीं सच्ची कला है।
    संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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